आतंक को हर हाल में खत्म करना ही होगा- डा. संदीप कटारिया


क्राइम रिफॉर्मर एसोसिएषन के राश्ट्रीय अध्यक्ष डा. संदीप कटारिया ने बताया कि जो बंदूक उठाएगा, कानून हाथ में लेकर व्यवस्था को चुनौती देगा, उसे अंजाम भुगतना पड़ेगा। इसका उदाहरण है सज्जाद भट। वो पुलवामा में सुरक्षा बलों पर हमले का मुख्य साजिषकर्ता था। सज्जाद ने ही कार में आईईडडी भरकर सीआरपीएफ के काफिले को निषाना बनाने की पूरी प्लानिंग की थी। भट ने हमले से 10 दिन पहले वह इको कार खरीदी थी, जिससे हमले को अंजाम दिया गया और अर्धसैनिक बल के 40 जवान शहीद हो गए। जैष कमांडर सज्जाद भट सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में ढेर हो गया। उसके साथ एक अन्य आतंकी भी मारा गया। इस मुठभेड़ में हालांकि सेना का एक जवान भी शहीद हो गया। सज्जाद की मौत को आतंक के खिलाफ सुुरक्षा बलों की बड़ी सफलता माना जा रहा है। अब वो किसी अन्य हमले की योजना बना रहा था। इससे पहले कि वो कामयाब हो पाता। सुरक्षा बलों ने उसका काम तमाम कर दिया। पुलवामा के बाद हमारी सेनाओं ने पाक स्थिति बालाकोट में हवाई हमले करके दहषतगर्दों के प्रषिक्षण षिविरों को ध्वस्त कर दिया था, लेकिन कष्मीर में अभी वे आतंकी जिंदा थे, जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया या फिर हमले की साजिष में शामिल थे। भट दक्षिणी कष्मीर के बिजेहरा का रहने वाला था। यह पहला मौका नहीं जब सुरक्षा बलों ने आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया हो। प्रदेष में राश्ट्रपति शासन लगने के बाद से सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेषन ऑलआउट शरू किया था, जिसके तहत 2018 में ही 270 आतंकी ढेर किए गए। वहीं 2019 में अब तक 150 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं। जिसमें 23 विदेषी और शेश स्थानीय हैंं इनमें अल-कायदा के संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद का प्रमुख जाकिर मूसा भी आतंक को हर हाल में खत्म करना ही होगा- डा. संदीप कटारियामिल है। दूसरी तरफ एनआईए ने आतंकियों का पालन पोशण करने वालों पर भी कड़ा प्रहार किया है। जहां एक ओर सैयद अली शाह गिलानी, नईंम खान, बिट्टा कराटे, गाजी बाबा समेत हुर्रियत नेताओं के 21 ठिकानों पर छापेमारी करके आतंक को धन मुहैया करवाने के रास्ते बंद कर दिए हैं वहीं धन पहुंचाने वाले हवाला रैकेट को भी ध्वस्त कर दिया है।  जिस कारण आतंकवाद घाटी के महज दो जिलों तक ही सिमटकर रह गया है। सरकार बेहतर तरीके से जानती हैं कि घाटी में आतंक के खात्मे के लिए वहां की जनता को विकास से जोड़ना होगा। इसी उद्देष्य से बीते दिनों गृहमंत्री अमित शाह ने कई दौर की अलग-अलग बैठकें करके घाटी में विकास की नई योजनाओं को धरातल में उतारने का काम शुरू किया, जिसमें श्री नगर और जम्मू के विकास के लिए मेट्रोपॉलिटन रीजनल डिवेलपमेंट अथॉरिटीज की स्थापना 50000 नए घरों के साथ आईटी सेंटर के रूप में ग्रेटर जम्मू और ग्रेटर श्रीनगर का निर्माण। डल झील के सौंदर्यीकरण की योजना बनाई गई है जिसके तहत नए फुटपाथ बनेंगे और संगीतमय झरने बनाए जाएंगे। जम्मू और श्रीनगर में चैबीसों घंटे पानी की सप्लाई सुनिष्चित करने और ई-बसें चलाने के फैसले भी लिए गए हैं। अब इन योजनाओं को जल्द से जल्द अमल में उतारा जाना चाहिए ताकि घाटी के आम आदमी में सरकार के प्रति  विष्वास पैदा हो और आतंक को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए वो सुरक्षा बलों के साथ कंधे से कंध मिलाकर लड़े। अगर ऐसा हुआ तो आतंकवाद खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगा।