अब NCP ने मांगा ढाई साल का CM, शिवसेना के लिए भारी पड़ा अपना ही फॉर्मूला?

एनसीपी (NCP) के एक गुट का कहना है कि शिवसेना (Shiv Sena) के पास बीजेपी से बहुत कम विधायक हैं. इसके बाद भी वह 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी थी. दूसरी तरफ, शिवसेना और NCP के बीच विधायकों का अंतर बहुत कम है.




मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) की सत्‍ता में आने को लेकर जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. बीजेपी (BJP) के सामने शिवसेना (Shiv Sena) ने जो 50-50 का फॉर्मूला पेश किया था, वो अब उसके लिए ही सिर दर्द बनता दिख रहा है. सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर सामने आई है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) समर्थन देने के एवज में शिवसेना के सामने 50-50 का फॉर्मूला (ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद) पेश कर सकती है. एनसीपी के एक गुट का मानना है कि अगर शिवसेना बीजेपी के साथ 50 -50 के फॉर्मूले पर राजी थी तो अब क्‍यों नहीं? एनसीपी और शिवसेना के विधानसभा सीटों में ज्‍यादा का अंतर नहीं है.

18 दिन बाद भी महाराष्‍ट्र में असमंजस की स्थिति
गौरतलब है कि चुनाव परिणाम आने के 18 दिन बाद भी महाराष्‍ट्र में अभी तक नई सरकार का गठन नहीं हो पाया है. शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों में से किसी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ. हालांकि, भाजपा को शिवसेना से बहुत ज्यादा सीटें मिली हैं. ऐसे में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए शिवसेना के समर्थन की जरूरत थी, लेकिन उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के सामने 50-50 का फॉर्मूला रख दिया था. इसके तहत दोनों पार्टी के पास ढाई-ढाई साल तक के लिए सीएम का पद रहता, लेकिन भाजपा ने उस फॉर्मूले को नहीं माना. काफी दिनों तक दोनों के बीच खींचतान चली. ऐसे में राज्यपाल ने बीजेपी को सबसे बड़े दल होने के नाते सरकार बनाने के लिए न्योता दिया, लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बनाने में असमर्थता जता दी. उन्होंने कहा कि उनके पास पूर्ण बहुत नहीं है, ऐसे में उनकी पार्टी सरकार नहीं बना पाएगी.