उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (Vice President M Venkaiah Naidu ) ने बुधवार को कहा कि अगर पाकिस्तान (Pakistan) के साथ बातचीत होती है, तो केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके-POK) पर बात होगी. नायडू ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और अब हमें पीओके वापस लेना चाहिए.
वेंकैया नायडू, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (Naval Science and Technology Laboratory at Visakhapatnam, Andhra Pradesh) के स्वर्ण जयंती समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते, हम शांतिप्रिय नागरिक हैं.
राजनाथ सिंह ने भी दिया था यह बयान
वेंकैया नायडू का बयान ऐसे समय आया जब कुछ ही दिनों पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसी तरह की टिप्पणी करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई बातचीत नहीं होगी जब तक वह आतंकवादियों के खिलाफ काम नहीं करता और आतंकी गतिविधियों का समर्थन करना बंद नहीं करता.
राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने यह भी कहा था कि अगर भविष्य में पाकिस्तान के साथ बातचीत होती है, तो वे पीओके के बारे में बात होगी, न कि किसी अन्य मुद्दे पर.
राजनीतिक नहीं राष्ट्रीय मुद्दा
इससे पहले उपराष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा था कि अनुच्छेद 370 एक राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दा था. विजयवाड़ा में एक कार्यक्रम में दौरान उन्होंने कहा कि यह 'समय की आवश्यकता' थी. उपराष्ट्रपति ने टिप्पणी करते हुए कहा, 'यह लंबे समय से रुका हुआ था. अनुच्छेद 370 को रद्द करना देश के लिए अच्छा है, हालांकि कुछ अस्थायी मुद्दे हो सकते हैं. यह एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दा है.'
वेंकैया नायडू, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (Naval Science and Technology Laboratory at Visakhapatnam, Andhra Pradesh) के स्वर्ण जयंती समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते, हम शांतिप्रिय नागरिक हैं.
राजनाथ सिंह ने भी दिया था यह बयान
वेंकैया नायडू का बयान ऐसे समय आया जब कुछ ही दिनों पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसी तरह की टिप्पणी करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई बातचीत नहीं होगी जब तक वह आतंकवादियों के खिलाफ काम नहीं करता और आतंकी गतिविधियों का समर्थन करना बंद नहीं करता.
राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने यह भी कहा था कि अगर भविष्य में पाकिस्तान के साथ बातचीत होती है, तो वे पीओके के बारे में बात होगी, न कि किसी अन्य मुद्दे पर.
राजनीतिक नहीं राष्ट्रीय मुद्दा
इससे पहले उपराष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा था कि अनुच्छेद 370 एक राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दा था. विजयवाड़ा में एक कार्यक्रम में दौरान उन्होंने कहा कि यह 'समय की आवश्यकता' थी. उपराष्ट्रपति ने टिप्पणी करते हुए कहा, 'यह लंबे समय से रुका हुआ था. अनुच्छेद 370 को रद्द करना देश के लिए अच्छा है, हालांकि कुछ अस्थायी मुद्दे हो सकते हैं. यह एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दा है.'