95000 करोड़ के आरोपी को मोदी ने बना दिया महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री - डॉ. संदीप कटारिया


 
क्राइम रिफॉर्मर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संदीप कटारिया ने बताया कि 95000 करोड के भ्रश्टाचार के आरोपी अजित पवार को रातों रात एक खेमे से उठाकर राज्यपाल के सामने लाया जाता है। उन्हें देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ दिलाई जाती है। जिस देवेंद्र फडणवीस ने 70000 करोड़ के सिंचाई विभाग घोटाले को उठाकर अपनी राजनीतिक पहचान बनाई। वो उसी शख्स को उप मुख्यमंत्री बना रहे थे। पिछले साल ही उनकी सरकार के एंटी करप्शन ब्यूरो ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर अजित पवार को मुख्य आरोपी बताया था। यानि पहले कार्यकल के 5 वर्षों में इस मामले में कुछ भी खास नहीं हुआ। एक तलवार लटका कर रखी गई ताकि अजित पवार बुरे वक्त में काम आ सकें।
इसी 22 अगस्त को बांबे हाई कोर्ट के आदेश पर मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने 25000 करोड़ के गबन का मामला दर्ज किया था। इसमें 70 लोग आरोपी बनाए गए जिनमें से एक अजित पवार भी थे इसके बाद इडी प्रत्यर्पण निदेशालय ने छापे भी मारे। यह केंद्र की एजेंसी है आप ही बताएं जिस आरोपी का स्वागत प्रधानमंत्री करें, गृहमंत्री बधाई देंगे उस पर अब ईडी हाथ डालने की हिम्मत करेगा या फिर ईडी से बचाने की गारंटी के नाम पर ही अजित पवार को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है? कांग्रेस की सरकार में होता तो बीजेपी कहती कि कांग्रेस ने 95000 करोड़ लेकर उप मुख्यमंत्री का पद बेच दिया, बीजेपी की सरकार है बीजेपी जो करती है वो अच्छा ही करती है।
भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है जब देष के प्रधानमंत्री ने 95000 करोड़ के घोटाले के आरोपी के नाम के आगे जी लगाकर डिप्टी मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी हो। कांग्रेस सरकार के घोटालों के खिलाफ चुनाव लड़कर आए मोदी 95000 करोड़ के भ्रश्टाचार के आरोपी का स्वागत कर रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह बधाई दे रहे हैं। मीडिया के पत्रकार इसे मास्टर स्ट्रोक बता रहे हैं एनसीपी को नेचुरली करप्ट पार्टी कहने के बाद उसके विधायकों को ईमानदारी से तोड़ कर सरकार बनाने की कला में माहिर प्रधानमंत्री ही बता सकते हैं कि जब पूरी पार्टी को ही नेचुरली करप्ट कहा था तो उस पार्टी से दर्जन भर विधायक ईमानदार कहां से निकल आए?
2015 में विष्वास मत के दौरान ही बीजेपी की एनसीपी ने मदद की थी। विष्वास मत के दौरान षिव सेना मत विभाजन चाहती थी, लेकिन स्पीकर ने ध्वनिमत से पास कर दिया। षिवसेना खुल कर अपने मत के बारे में नहीं कह रही थी और बीजेपी जोखिम नहीं लेना चाहती थी इसलिए एनसीपी की मदद लेनी पड़ी। नतीजा यह हुआ कि तीन साल तक सिंचाई घोटाला मामले में कुछ खास नहीं हुआ। नवंबर 2018 में बांबे हाईकोर्ट के नागपुर बेंच में सिर्फ हलफनामा दायर किया गया। भविश्य में पवार काम आने वाले थे इसलिए जांच के नाम पर जांच ही होती रही। आरोप बीजेपी ने लगाया था। जिम्मेदारी बीजेपी की थी कि साबित करती अजित पवार को सजा दिलाती, लेकिन अब तो अजित पवार उप मुख्यमंत्री है।
झारखंड में भी बीजेपी ने भानुप्रताप शाही को टिकट दिया है इन पर 130 करोड के दवा घोटाले का ट्रायल चल रहा है ईडी और सीबीआई ने चार्जषीट दायर किया है। जब प्रधानमंत्री रैली करने जाएंगे तो मंच पर दवा घोटाले का आरोपी भानुप्रदान शाही होगा और ऐसे घोटाले को उजागर करने वाले सरयु राय मंच से उतार दिए गए होंगे। उनका टिकट कट चुका है। तेलुगु देषम पार्टी के राज्य सभा सांसद  वाई एस चैधरी अपनी सदस्यता छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। चैधरी के खिलाफ भी ईडी  और सीबीआई ने छापे मारे थे। सीबीआई ने चैधरी को 364 करोड़ के बैंक फ्राड के मामले में समन जारी किया था। अप्रैल 2019 में ईडी ने 315 करोड़ की मनी लाउंडरिंग और बैंक फ्राड मामले में चैधरी की संपत्ति अटैच कर ली थी। लोकसभा चुनाव के बाद चैधरी राष्ट्र निर्माण के लिए बीजेपी में शामिल हो गए।
अभी तक 150 करोड़ या 350 करोड़ के गबन के मामलों के आरोपी बीजेपी में शामिल हो रहे थे, लेकिन यह पहली बार हुआ है जब 95000 करोड़ के मामले का आरोपी बीजेपी सरकार में उप मुख्यमंत्री बना है। शपथ दिलाई गई है कई बार लगता है कि ईडी के छापे काले धन को मिटाने के लिए नहीं बल्कि उन पर हाथ डालने के लिए होते हैं वर्ना छापे के बाद ऐसे लोगों को बीजेपी अपनी पार्टी और सरकार में क्यों लेती। महाराष्ट्र पर कई लोग हैं जो मुझसे ज्यादा जानकार हैं। आप उनका लिखा पढ़ें मैं न तो हर विषय पर लिख सकता हूं और न लिखना चाहिए। किसी ने यह नहीं कहा कि उन तीन कंपनियों के बारे में विस्तार से क्यों नहीं लिखते हैं जिन्होंने बीजेपी को 20 करोड़ का चंदा दिया है। और केंद्र सरकार उन कंपनियों पर आतंकी फंडिंग के मामले में जांच कर रही है। किसी ने नहीं कहा कि इलेक्टोरल फंड पर क्यों चुप हैं? नितिन सेठी ने छह छह कड़ियों में दस्तावेजों के साथ बताया है कि कैसे वित्त मंत्रालय ने झूठ बोलकर यह बान्ड संसद से पास कराया और अब इसके जरिए काले धन को सफेद करने का बड़ा खेल चल रहा है।
महाराष्ट्र में अनैतिकता की राजनीति हो रही है सबका चेहरा उजागर हो रहा है। अनैतिकता का भंडार विपक्ष के खेमे में भी है। वहां भी वैचारकि गठबंधन में घोर अनैतिकता है लेकिन बीजेपी ने अजित पवार को उप मुख्यमंत्री बनाकर चाल चल दी है। उसके लिए सत्ता से ज्यादा कुछ नहीं है। अगर कोई भ्रष्ट्राचारी है, लुटेरा है तो वो मुख्यमंत्री है, उपमुख्यमंत्री है। ऐसे राजनेताओं से हम जनता की भलाई की उम्मीद करते हैं, सचमुच जनता भोली है। 95000 करोेड़ के घोटाले के आरोपी को बीजेपी की उप मुख्यमंत्री बना सकती है। इससे पता चलता है कि यह दौर उसी का है।