जरूरी नहीं है कि हर बार बड़े ही बच्चों को जिन्दगी का पाठ सिखाएं। ऐसी कई चीजें हैं, जिन्हें वास्तव में बड़ों को बच्चों से सीखना चाहिए। बच्चों की कई बातों पर अगर आप ध्यान देंगे, तो आप अपनी जिंदगी में ज्यादा खुश और संतुष्ट रह सकते हैं।
बच्चों के पहले शिक्षक माता-पिता ही होते हैं। बच्चे अपने पैरेंट्स से जीवन के कई महत्वपूर्ण पाठ सीखते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि बड़े ही बच्चों को सिखाते हैं। यह सच होकर भी पूरी तरह सच नहीं है। ऐसे कई गुण होते हैं, जो बड़े भी बच्चों से सीख सकते हैं और अपने जीवन को खुशहाल व बेहतर बना सकते हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसी ही कुछ बातों के बारे में-
मनचाही चीज करना
वयस्क के साथ हमेशा एक समस्या देखने को मिलती है कि वह काम को मर्जी से नहीं, बल्कि मजबूरी से करते हैं। हमें पता है कि हमें क्या करना चाहिए, लेकिन हम शायद ही कभी ऐसा करते हैं। जबकि बच्चे हमेशा मस्ती करने और सक्रिय रहने के नए तरीके खोज लेते हैं। वह उन चीजों को ही करते हैं जो उन्हें पसंद है और शायद इसलिए वह उस कार्य को एक अलग से करने की क्षमता रखते हैं। जबकि वयस्क अक्सर अपनी मजबूरियों में ही उलझे रहते हैं और इसलिए तनाव हमेशा उनकी जिन्दगी में पसरा रहता है।
बेपरवाह मिजाज
बच्चों को कभी भी इस बात की चिंता नहीं होती कि वह जो कर रहे हैं, उसे देखकर सामने वाला व्यत्तिफ़ क्या कहेगा। जबकि हम कोई भी काम करने से पहले दूसरों की राय व उनके नजरिए से प्रभावित होते हैं और इसलिए कई बार हम स्वयं ही अपनी इच्छाओं व ऽुशियों का गला घोंट देते हैं। आप भी अपनी जिन्दगी में थोड़ा सा बेपरवाह मिजाज अपनाकर देिखए और फिर देिखए कि आपको जिन्दगी कितनी खूबसूरत नजर आएगी।
ईमानदारी
यह एक ऐसा गुण है, जो अमूमन सिर्फ बच्चाें में ही देखने को मिलता है। उनका दिल साफ होता है और इसलिए अगर आप उनसे कोई सवाल पूछेंगे तो वह उसका सच्चा और सीधा उत्तर देंगे। जबकि बड़े व्यत्तिफ़ हमेशा ही दूसरों को ऽुश करने के चक्कर में लगे रहते हैं और इसलिए उनकी खुद की खुशी कहीं खो जाती है। अगर आप भ्ाी अपने जीवन में थोड़ी ईमानदारी बरतते हैं तो यकीन मानिए कि जीवन बेहद सरल हो जाएगा और आप कई उलझनों से खुद-ब-खुद ही बाहर निकल जाएंगे।
खुश रहना
बच्चों के पास चाहे कुछ हो या न हो, वह हमेशा ही खुश रहते हैं। उन्हें खुश रहने के लिए किसी खास कारण की जरूरत नहीं होती। वह छोटी-छोटी चीजों में ही अपनी खुशियां देखते हैं। वहीं दूसरी ओर, वयस्क के पास सब कुछ होने के बावजूद भी उन्हें और पाने की चाह रहती हैं और इसलिए वह उन चीजों की महत्ता व खुशी का अहसास नहीं कर पाते, जो वास्तव में उनके पास है।
आज में जीना
यह एक ऐसा गुण है, जो हर किसी को बच्चों से अपनाना चाहिए। बच्चे आज में जीते हैं और अपने हर पल को खुलकर एन्जॉय करते हैं, जबकि हम सभी भविष्य की बचत और खुशियों की चिंता में वर्तमान को यूं ही बर्बाद कर देते हैं। आपको समझना चाहिए कि गुजरा हुआ पल कभी लौटकर नहीं आएगा और जिस भविष्य की आप चिंता कर रहे हैं, वह भी कभी आने वाला नहीं है। इस तरह आप सिर्फ अपने जीवन को तनावग्रस्त ही बना रहे हैं।
उत्साही
कभी आपने बच्चों को गौर से देखा है, जब वह किसी नई चीज को देखते हैं तो उनके मन में उसे जानने की एक जिज्ञासा व उत्साह पैदा होता है और जब तक उस चीज को अच्छी तरह से समझ नहीं लेते, तब तक उनका उत्साह शांत नहीं होता। अगर हम बच्चों के इस गुण को अपना लें तो जीवन में सफल होने से हमें कोई नहीं रोक सकता क्योंकि हम सभी कोई भी काम शुरू तो बेहद उत्साह से करते हैं, लेकिन कुछ वत्तफ़ के बाद वह उत्साह शांत हो जाता है और फिर कार्य भी कभी-कभी पूरा नहीं हो पाता।