एनआरसी में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होगा - डॉ. संदीप कटारिया

क्राइम रिफॉर्मर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संदीप कटारिया ने बताया कि  देश के गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता कानून लागू होने के बाद इस पर विस्तार से सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने इसका विरोध करने वाले लोगों को एक-एक कर हर पहलू का जवाब देते हुए कहा कि नागरिकता कानून और एनआरसी लाने की बात तो पूर्व की कांग्रेस सरकार  करती आई लेकिन जब आज मोदी सरकार इसे लागू कर रही है तो वही लोग विरोध कर रहे हैं।
डॉ. कटारिया ने कहा कि सीएए कानून से देश के अल्पसंख्यकों को रत्तीभर भी नुकसान नहीं होने वाला है। क्योंकि इस कानून से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी बल्कि यह कानून तीन देशों से धार्मिक प्रताड़ना के कारण आए हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून हैं। अफगानिस्तान, बांग्लादेश  और पाकिस्तान से आए प्रताडित अल्पसंख्यकों को यह कानून नागरिकता देगा।
नागरिकता कानून को एनआरसी से जोड़कर देखने और फिर इसके नतीजे के बारे में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एनआरसी में धर्म के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होगी और जो कोई भी एनआरसी के तहत इस देश का नागरिक नहीं पाया जाएग, सबको निकालकर देश से बाहर किया जाएगा उन्होंने कहा कि सिर्फ मुस्लिमों के लिए एनआरसी नहीं है।
डॉ. कटारिया ने कहा कि एनआरसी बीजेपी लेकर नहीं आए थे, कांग्रेस अध्यक्षा और गुलाब नबी आजाद जैसे लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वह जान लें कि पहली बार 1985 में असम समझौते के दौरान पहली बार एनआरसी की बात स्वीकार की गई। इसके बाद कांग्रेस की ही सरकार में एनआरसी के लिए नागरिकता कानून में संषोधन किए गए। आज कांग्रेस अपने बनाए कानून पर ही हमसे सवाल कर रही है तो क्या कानून सिर्फ दिखावे के लिए बनाए थे।
देश के विष्वविद्यालयों में कानून के विरोध पर अमित शाह ने कहा कि देश की सिर्फ 22 यूनिवर्सिटी में इस कानून के खिलाफ विरोध हुए हैं जिनमें से 4 में गंभीर प्रदर्षन हुए हैं। इसकी वजह है कि बच्चो ने ठीक से कानून पढ़ा नहीं हैं उन्हें पहले इस कानून को ठीक ढंग से पढ़ना चाहिए, अगर कानून किसी के खिलाफ लगता है तो सरकार के साथ चर्चा करनी चाहिए हम उनकी शंकाओं को दूर करने के लिए तैयार हैं।
ग्रह मंत्री ने जामिया हिंसा पर कहा कि पुलिस कभी छात्रों के पीछे नहीं पड़ती, लेकिन कैंपस के भीतर से पथराव होता है, छात्रों के साथ आगजनी करने वाले लोग होते हैं, ऐसे में अगर पुलिस कुछ नहीं करती तो माना जाता पुलिस अपनी डयूटी ठीक से नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि विरोध जब हिंसा का रूप लेता है तो उसे रोकना पुलिस का फर्ज भी है और धर्म भी है, जो उन्होंने निभाया है शाह ने कहा कि पुलिस को कैंपस में घुसना चाहिए या नहीं, अभी डॉ. कटारिया ने कहा कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। पुलिस को मेरी ओर से दिल्ली में शांति कायम करने के निर्देष दिए गए हैं।